Monday 25 July 2011

मेरी मां..

मेरा नाम विनोद रावल है,
ये मेरा पहला हि ब्लोग है,
इसको में अपनी मम्मी को समर्पीत कर रहा..हूं
मैने आज़ से पहले कभी कुछ् नही लिखा है.
इसलिये लिखने में गलती हो जाये तो माफ करना..


मां ऐसी होती है, मां वेसी होती है
मां सुबह होती है, मां शाम होती है,

मां तानसेन की तान होती है,
मां अलादीन का चिराग होती है,

मां गालीब की गजल होती है,
मीरा के भजन होती है,
मां कबीर के दोहे होती है,

मां हिन्दु की पुजा होती है,
मुस्लीम की नमाज होती है,

मां सुरज की तपिश होती है,
चान्द की ठंडक होती है,

मां अमीर की दोलत होती है,
मां गरीब की रोटी होती है,

मां अन्धे को आंख होती है,
बहरे को मां, कान होती है,

मां फुलो की खुश्बु होती है,
मां पैडो पे लदे फल होती है,

मां देश की शान होती है ,
मां दिल से देखो भगवान होती है ...!!!!!

1 comment:

  1. sabse pyari maaa............hoti hai ............pranam maaaa,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

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